Asaar - Bipul Chettri

Asaar

Bipul Chettri

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Lyric

पानी पऱ्यो सरर, छाना बज्यो गरर

मनमा उठ्यो आज मेरो आनन्दको लहर

हिजोको बिपना आज भएछ सपना

ए कान्छी, कति चाँडै बितेको यो जीवन

पानी पऱ्यो सरर, भिज्यो कालेबुङ सहर

कालो-कालो बादल चढी फर्की आयो असार, लहै

जिन्दगी कहिले घाम कहिले पानी, लैबरी लै

माया नै सबैभन्दा ठूलो कुरो रैछ नि है

चारैतिर निला-निला आकाश नै छायो है

वरिपरि लागेको यो कुइरो हरायो है

मनलाई साँचो राखी हिँडिँरहेछु

म तिम्रो साहारामै बाँचिरहेछु, मायालु

पानी पऱ्यो सरर, झोडा बग्याे गरर

फर्की आएँ तिम्रैतिर छाडी सारा संसार

हिजोको बिपना आज भएछ सपना

ए कान्छी, कति चाँडै बितेकाे याे जीवन

पानी पऱ्यो सरर, भिज्याे कालेबुङ सहर

कालाे-कालाे बादल चढी फर्की आयाे असार

लैबरी, लैबरी, लैबरी लै, ओ नानी, लैबरी, लैबरी लै

लैबरी, लैबरी, लैबरी लै, ओ नानी, लैबरी, लैबरी लै

लैबरी, लैबरी, लैबरी लै, ओ नानी, लैबरी, लैबरी लै

लैबरी, लैबरी, लैबरी लै, ओ नानी, लैबरी, लैबरी लै

लैबरी, लैबरी, लैबरी लै, ओ नानी, लैबरी, लैबरी लै

लैबरी, लैबरी, लैबरी लै, ओ नानी, लैबरी, लैबरी लै

- It's already the end -