Yeh Public Hai - From "Roti" - Kishore Kumar

Yeh Public Hai - From "Roti"

Kishore Kumar

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Lyric

ए, बाबू, ये public है, public

ये जो public है, ये सब जानती है, public है

ये जो public है, ये सब जानती है, public है

अजी, अंदर क्या है, अजी, बाहर क्या है

अंदर क्या है, बाहर क्या है

ये सब कुछ पहचानती है

Public है, ये सब जानती है, public है

ये जो public है, ये सब जानती है, public है

अजी, अंदर क्या है, अजी, बाहर क्या है

अंदर क्या है, बाहर क्या है

ये सब कुछ पहचानती है

Public है, ये सब जानती है, public है

ये जो public है, ये सब जानती है, public है

हीरे-मोती तुम ने छुपाए, कुछ हम लोग ना बोले

हीरे-मोती तुम ने छुपाए, कुछ हम लोग ना बोले

अब आटा-चावल भी छुपा तो भूखों ने मुँह खोले

अरे, भीख ना माँगे, अरे, क़र्ज़ ना माँगे

भीख ना माँगे, क़र्ज़ ना माँगे

ये अपना हक़ माँगती है

Public है, ये सब जानती है, public है

ये जो public है, ये सब जानती है, public है

ये चाहे तो सर पे बिठा ले, चाहे फेंक दे नीचे

ये चाहे तो सर पे बिठा ले, चाहे फेंक दे नीचे

पहले ये पीछे भागे, फिर भागो इस के पीछे

अरे, दिल टूटे तो, अरे, ये रूठे तो

दिल टूटे तो, ये रूठे तो

तौबा, कहाँ फिर मानती हैं

Public है, ये सब जानती है, public है

ये जो public है, ये सब जानती है, public है

क्या नेता, क्या अभिनेता, दे जनता को जो धोखा

क्या नेता, क्या अभिनेता, दे जनता को जो धोखा

पल में शोहरत उड़ जाए, ज्यों एक पवन का झोंका

अरे, ज़ोर ना करना, अरे, शोर ना करना

ज़ोर ना करना, शोर ना करना

अपने शहर में शांति है

Public है, ये सब जानती है, public है

ये जो public है, ये सब जानती है, public है

अजी, अंदर क्या है, अजी, बाहर क्या है

अंदर क्या है, बाहर क्या है

ये सब कुछ पहचानती है

Public है, ये सब जानती है, public है

ये जो public है, ये सब जानती है, public है

- It's already the end -