Kandhon Se Milte Hain Kandhe - Shankar-Ehsaan-Loy

Kandhon Se Milte Hain Kandhe

Shankar-Ehsaan-Loy

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Lyric

कंधों से मिलते हैं कंधे, क़दमों से क़दम मिलते हैं

हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं

कंधों से मिलते हैं कंधे, क़दमों से क़दम मिलते हैं

हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं

अब तो हमें आगे बढ़ते है रहना

अब तो हमें साथी, है बस इतना ही कहना

अब तो हमें आगे बढ़ते है रहना

अब तो हमें साथी, है बस इतना ही कहना

अब जो भी हो, शोला बन के पत्थर है पिघलाना

अब जो भी हो, बादल बन के पर्वत पर है छाना

कंधों से मिलते हैं कंधे, क़दमों से क़दम मिलते हैं

हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं

कंधों से मिलते हैं कंधे, क़दमों से क़दम मिलते हैं

हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं

निकले हैं मैदाँ में हम जाँ हथेली पर लेकर

अब देखो दम लेंगे हम जा के अपनी मंज़िल पर

ख़तरों से हँस के खेलना, इतनी तो हम में हिम्मत है

मोड़ें कलाई मौत की, इतनी तो हम में ताक़त है

हम सरहदों के वास्ते लोहे की एक दीवार हैं

हम दुश्मनों के वास्ते होशियार हैं, तैयार हैं

अब जो भी हो, शोला बन के पत्थर है पिघलाना

अब जो भी हो, बादल बन के पर्वत पर है छाना

कंधों से मिलते हैं कंधे, क़दमों से क़दम मिलते हैं

हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं

जोश दिल में जगाते चलो, जीत के गीत गाते चलो

जोश दिल में जगाते चलो, जीत के गीत गाते चलो

जीत की जो तस्वीर बनाने हम निकले हैं

अपने लहू से हमको उसमें रंग भरना है

साथी, मैंने अपने दिल में अब ये ठान लिया है

या तो अब करना है, या तो अब मरना है

चाहे अंगारे बरसें कि बिजली गिरे

तू अकेला नहीं होगा, यारा मेरे

कोई मुश्किल हो, या हो कोई मोर्चा

साथ हर मोड़ पर होंगे साथी तेरे

अब जो भी हो, शोला बन के पत्थर है पिघलाना

अब जो भी हो, बादल बन के पर्वत पर है छाना

कंधों से मिलते हैं कंधे, क़दमों से क़दम मिलते हैं

हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं

एक चेहरा अक्सर मुझे याद आता है

इस दिल को चुपके-चुपके वो तड़पाता है

जब घर से कोई भी ख़त आया है

काग़ज़ को मैंने भीगा-भीगा पाया है

हो, पलकों पे यादों के कुछ दीप जैसे जलते हैं

कुछ सपने ऐसे हैं जो साथ-साथ चलते हैं

कोई सपना ना टूटे, कोई वादा ना टूटे

तुम चाहो जिसे दिल से वो तुम से ना रूठे

अब जो भी हो, शोला बन के पत्थर है पिघलाना

अब जो भी हो, बादल बन के पर्वत पर है छाना

कंधों से मिलते हैं कंधे, क़दमों से क़दम मिलते हैं

हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं

चलता है जो ये कारवाँ, गूँजी सी हैं ये वादियाँ

है ये ज़मीं, ये आसमाँ (है ये हवा, है ये समाँ)

हर रस्ते ने, हर वादी ने, हर पर्वत ने सदा दी

हम जीतेंगे, हम जीतेंगे, हम जीतेंगे हर बाज़ी

कंधों से मिलते हैं कंधे, क़दमों से क़दम मिलते हैं

हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं

कंधों से मिलते हैं कंधे, क़दमों से क़दम मिलते हैं

हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं

कंधों से मिलते हैं कंधे, क़दमों से क़दम मिलते हैं

हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं

कंधों से मिलते हैं कंधे, क़दमों से क़दम मिलते हैं

हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं

- It's already the end -