Kashish - Ashish Bhatia

Kashish

Ashish Bhatia

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Lyric

उसकी आँखों में फैला काजल, बातों से करती घायल

साँसों में उसका ही है नाम

मेरी नींदें उड़ी है, जब से तू आ गई जीवन में

रोशन कर दे तू मुझको आज

उसकी आँखों में फैला काजल, बातों से करती घायल

साँसों में उसका ही है नाम

मेरी नींदें उड़ी है, जब से तू आ गई जीवन में

रोशन कर दे तू मुझको आज

माना, कभी-कभी हद से गुज़र जाता हूँ तेरे प्यार में

माना, कभी-कभी हद से गुज़र जाता हूँ तेरे प्यार में

Yeah, मैंने बंदियाँ तो बहुत सारी देखी

पर तेरे जैसी एक भी नहीं आज के ज़माने में भी

प्यार करे fake नहीं, baby, उसके बाल जैसे लहर

और tsunami की रूहानियत से रू-ब-रू कराती मुझे देवी सी

सुनाती story अपने बचपन की bravery की

दिल से है बच्ची वो, हरकतें हैं crazy सी

कुछ ऐसी सी कशिश उनमें कि कैसे ना फँसे

हम बने आशिक़, दीवना

तेरी अदा पे पागल, हम शराबी, बन गए शायर

हाए री, अदा पे पागल, हम शराबी, बन गए शायर

तेरे जिस्म की ये ख़ुशबू जब इत्र से मिल जाए

बिन पिए लड़खड़ाने लगूँ, मुझे यूँ मदहोश कर जाए

उसकी आँखों में फैला काजल, बातों से करती घायल

साँसों में उसका ही है नाम

मेरी नींदें उड़ी है, जब से तू आ गई जीवन में

रोशन कर दे तू मुझको आज

उसकी आँखों में फैला काजल, बातों से करती घायल

साँसों में उसका ही है नाम

मेरी नींदें उड़ी है, जब से तू आ गई जीवन में

रोशन कर दे तू मुझको आज

माना, कभी-कभी हद से गुज़र जाता हूँ तेरे प्यार में

माना, कभी-कभी हद से गुज़र जाता हूँ तेरे प्यार में

- It's already the end -