Nazdeekiyaan - Amit Trivedi

Nazdeekiyaan

Amit Trivedi

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03:26

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Lyric

रातों के जागे सुबह मिले हैं

रेशम के धागे ये सिलसिले हैं

लाज़मी सी लगने लगी हैं

दो दिलों की अब नज़दीकियाँ

Mmm, दिखती नहीं हैं

पर हो रही हैं महसूस नज़दीकियाँ

दो दिल ही जाने

लगती हैं कितनी महफ़ूज़ नज़दीकियाँ

ज़रिया, हैं ये आँखें ज़रिया

छलकता है जिनसे एक अरमानों का दरिया

आदतें हैं इनकी पुरानी, अनकही सी कह दे कहानी

परछाइयाँ दो जुड़ने लगी हैं

देखो, हवा में उड़ने लगी हैं

पंख जैसी लगने लगी हैं

दो दिलों की अब नज़दीकियाँ

- It's already the end -