Main Kisi Aur Ka - Darshan Raval

Main Kisi Aur Ka

Darshan Raval

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04:27

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Lyric

कितने मौसम गुज़र गए

ये दर्द क्यूँ गुज़रता ही नहीं?

क्या वफ़ा करूँ मैं किसी और से?

तू दिल से उतरता ही नहीं

क्या उसकी आँखों में मुझे तू आज भी ढूँढती है?

लोगों से मेरा बातों-बातों में क्या हाल तू पूछती है?

मैं किसी और का, तू किसी और की

कैसे हैं जी रहे झूठी ये ज़िंदगी?

मैं किसी और का, तू किसी और की

कैसे हैं जी रहे झूठी ये ज़िंदगी?

"तन्हाइयाँ होती हैं क्या?"

पूछो बिन तारों के अकेले महताब से

"याद तुझे कितना किया"

पूछो आँखों से बहते ये सैलाब से

जो भर दे ज़ख्म प्यार का

मरहम कोई बना नहीं

जो हम से दिल था कह रहा

वो क्यूँ हम ने सुना नहीं?

मैं किसी और का, तू किसी और की

कैसे हैं जी रहे झूठी ये ज़िंदगी?

मैं किसी और का, तू किसी और की

कैसे हैं जी रहे झूठी ये ज़िंदगी?

मैं किसी और का, तू किसी और की

- It's already the end -