Nagri Ho Ayodhya Si - Prakash Gandhi

Nagri Ho Ayodhya Si

Prakash Gandhi

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Lyric

नगरी हो अयोध्या सी (नगरी हो अयोध्या सी)

रघुकुल सा घराना हो (रघुकुल सा घराना हो)

चरण हों राघव के जहाँ मेरा ठिकाना हो

(चरण हों राघव के जहाँ मेरा ठिकाना हो)

हो, चरण हों राघव के जहाँ मेरा ठिकाना हो

लक्ष्मण सा भाई हो (लक्ष्मण सा भाई हो)

कौशल्या सी माई हो (कौशल्या सी माई हो)

स्वामी, तुम जैसा मेरा रघुराई हो

(स्वामी, तुम जैसा मेरा रघुराई हो)

नगरी हो अयोध्या सी (नगरी हो अयोध्या सी)

रघुकुल सा घराना हो (रघुकुल सा घराना हो)

चरण हों राघव के जहाँ मेरा ठिकाना हो

हो त्याग भरत जैसा (हो त्याग भरत जैसा)

सीता सी नारी हो (सीता सी नारी हो)

लव-कुश के जैसी संतान हमारी हो

(लव-कुश के जैसी संतान हमारी हो)

नगरी हो अयोध्या सी (नगरी हो अयोध्या सी)

रघुकुल सा घराना हो (रघुकुल सा घराना हो)

चरण हों राघव के जहाँ मेरा ठिकाना हो

श्रद्धा हो श्रवण सी (श्रद्धा हो श्रवण सी)

शबरी सी भक्ति हो (शबरी सी भक्ति हो)

हनुमान के जैसे निष्ठा और शक्ति हो

(हनुमान के जैसे निष्ठा और शक्ति हो)

नगरी हो अयोध्या सी (नगरी हो अयोध्या सी)

रघुकुल सा घराना हो (रघुकुल सा घराना हो)

चरण हों राघव के जहाँ मेरा ठिकाना हो

मेरी जीवन नैया हो (मेरी जीवन नैया हो)

प्रभू राम खेवैया हो (प्रभू राम खेवैया हो)

राम कृपा की सदा मेरे सर छैया हो

(राम कृपा की सदा मेरे सर छैया हो)

नगरी हो अयोध्या सी (नगरी हो अयोध्या सी)

रघुकुल सा घराना हो (रघुकुल सा घराना हो)

चरण हों राघव के जहाँ मेरा ठिकाना हो

(रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन ना जाई)

(रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन ना जाई)

(रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन ना जाई)

(रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन ना जाई)

(रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन ना जाई)

(रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन ना जाई)

(रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन ना जाई)

- It's already the end -