Ghar More Pardesiya (Kalank) - Pritam

Ghar More Pardesiya (Kalank)

Pritam

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Lyric

रघुकुल रीत सदा चली आई

प्रान जाए पर वचन ना जाई

(जय रघुवंशी, अयोध्यापति, राम चंद्र की जय!)

(सियावर, राम चंद्र की जय!)

(जय रघुवंशी, अयोध्यापति, राम चंद्र की जय!)

(सियावर, राम चन्द्र की जय!)

त-दी-या-ना-दीम, देरे-ता-ना-देरे-नोम

त-दी-या-ना-दीम, देरे-ता-ना-देरे-नोम

त-दी-या-ना-दीम

रघुवर, तेरी राह निहारे

रघुवर, तेरी राह निहारे सातों जनम से सिया

घर मोरे परदेसिया, आओ पधारो, पिया

घर मोरे परदेसिया, आओ पधारो, पिया

त-दी-या-ना-ता-देरे-ना-दीम

त-दी-या-ना-ता-देरे-ना-दीम

त-दी-या-ना-ता-देरे-ना-दीम

त-देरे-ना-दीम-दीम-ता-दा-नी

मैंने सुद-बुध, चैन गँवा के

मैंने सुद-बुध, चैन गँवा के राम रतन पा लिया

घर मोरे परदेसिया, आओ पधारो, पिया

घर मोरे परदेसिया, आओ पधारो, पिया

दीम-ता-दीम-ता-ताना-देरे-ना

दीम-ता-दीम-ता-ताना-देरे-ना

धा-नि-सा-मा, सा-गा-मा-गा, नि-धा-मा-गा-पा

गा-मा-पा-सा-सा, गा-मा-पा-नि-नि

गा-मा-पा-नि-धा-पा-मा-गा-रे-गा-मा-गा-पा

रे-मा-पा-धा-मा-पा-नि-नि, धा-पा-मा-पा-गा-मा-रे-सा

नि-सा-रे-रे-मा-मा-पा-पा-धा-धा-पा

नि-नि-नि-रे-सा-नि-धा-नि-धा-पा-मा-पा

धा-नि-धा-पा-मा-गा-रे-गा-रे-सा-नि-सा-रे-रे-गा

ना तो मैया की लोरी, ना ही फागुन की होरी

मोहे कुछ दूसरा ना भाए रे

जब से नैना ये जा के एक धनुर्धर से लागे

तब से बिरहा मोहे सताए रे

हाँ, ना तो मैया की लोरी, ना ही फागुन की होरी

मोहे कुछ दूसरा ना भाए रे

जब से नैना ये जा के एक धनुर्धर से लागे

तब से बिरहा मोहे सताए रे

दुविधा मेरी सब जग जाने

दुविधा मेरी सब जग जाने, जाने ना निर्मोहिया

घर मोरे परदेसिया, आओ पधारो, पिया

घर मोरे परदेसिया, आओ पधारो, पिया

हाँ, गई पनघट पर भरन-भरन पनिया, दीवानी

गई पनघट पर भरन-भरन पनिया

गा-मा-पा-पा-रे-गा-मा-मा-सा-रे-गा-रे-सा-नि-सा

नि-सा-रे-पा-मा-पा-गा-मा-रे-गा-रे-सा-नि-सा

मा-पा-मा-पा-गा-मा-गा-मा-रे-गा-मा-गा-रे-नि-सा

रे-रे-रे-मा-मा-मा-पा-पा-रे-मा-पा-नि-पा-धा-नि-सा

गई पनघट पर भरन-भरन पनिया, दीवानी

गई पनघट पर भरन-भरन पनिया

हो, नैनों के...

नैनों के तेरे बाण से मूर्छित हुई रे हिरनिया

झूम झ-न-न-न-न-न-न-न, झ-न-न-न-न-न-न-न

बनी रे, बनी मैं तेरी जोगनिया

घर मोरे परदेसिया, आओ पधारो, पिया

घर मोरे परदेसिया, आओ पधारो, पिया

- It's already the end -