O Saathi-Humsafar - Nikhita Gandhi

O Saathi-Humsafar

Nikhita Gandhi

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Lyric

आँखें मूँदें, तो जाने किसे ढूँढें

कि सोया जाए ना, कि सोया जाए ना

किसे ढूँढें ये ख़ाहिशों की बूँदें?

कि सोया जाए ना, कि सोया जाए ना

जितनी हसीं ये मुलाक़ातें हैं

उनसे भी प्यारी तेरी बातें हैं

बातों में तेरी जो खो जाते हैं

बाँहों में है तेरी ज़िंदगी, हाय

सुन, मेरे हमसफ़र

क्या तुझे इतनी सी भी ख़बर?

कि तेरी साँसें चलती जिधर

रहूँगा बस वहीं उम्र भर

रहूँगा बस वहीं उम्र भर, हाय

अल्लाह, मुझे दर्द के क़ाबिल बना दिया

तूफ़ाँ को ही कश्ती का साहिल बना दिया

बेचैनियाँ समेट के सारे जहान की

जब कुछ ना बन सका, तो मेरा दिल बना दिया

चुपके से आके तूने, दिल में समा के तूने

छेड़ दिया कैसा ये फ़साना?

ओ, साथी, तेरे बिना

हो, साहिल धुआँ-धुआँ

सुन, मेरे हमसफ़र

क्या तुझे इतनी सी भी ख़बर?

कि तेरी साँसें चलती जिधर

रहूँगा बस वहीं उम्र भर, हाय

मानो निंदिया पिरोया जाए ना

मानो निंदिया पिरोया जाए ना

ਇਸ਼ਕੇ ਦਾ ਰੋਗ ਸਿਆਣਾ

ਕੀ ਸਮਝੇਗਾ ਜ਼ਮਾਨਾ?

ਇਸ਼ਕੇ ਦਾ ਰੋਗ ਸਿਆਨਾ

ਕੀ ਸਮਝੇਗਾ ਜ਼ਮਾਨਾ?

सुन, मेरे हमसफ़र...

- It's already the end -