00:00
04:02
वो रू-ब-रू खड़े हैं, मगर फ़ासले तो हैं
वो रू-ब-रू खड़े हैं, मगर फ़ासले तो हैं
नज़रों ने दिल की बात कही, लब सिले तो हैं
हाँ, वो रू-ब-रू खड़े हैं, मगर फ़ासले तो हैं
♪
हर मोड़ पे मिलेंगे हम ये दिल लिए हुए
हर बार चाहे तोड़ दो, वो हौसले तो हैं
आख़िर को रंग ला गई मेरी दुआ-ए-दिल
हम देर से मिले हों सही, लेकिन मिले तो हैं
वो रू-ब-रू खड़े हैं, मगर फ़ासले तो हैं
♪
मंजिल भी, कारवाँ भी तू और हमसफ़र भी तू
वाक़िफ़ तुम ही से प्यार के सब क़ाफ़िले तो हैं
माना कि मंज़िलें अभी कुछ दूर हैं, मगर
मिलकर वफ़ा की राह पे हम-तुम चले तो हैं
वो रू-ब-रू खड़े हैं, मगर फ़ासले तो हैं
वो रू-ब-रू खड़े हैं, मगर फ़ासले तो हैं
नज़रों ने दिल की बात कही, लब सिले तो हैं
वो रू-ब-रू खड़े हैं, मगर फ़ासले हैं, हाय