Udan Choo - Hriday Gattani

Udan Choo

Hriday Gattani

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04:16

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Lyric

आँखों के तीर मेरे जिगर के पार कर गई

भोले सनम के धोके से दिल पे वार कर गई

जब से अपनी देके गई नर्म छुअन तू

उड़न-छू, हुआ-हुआ मेरा चैन उड़न-छू

उड़न-छू, रहे नींदें सारी रैन उड़न-छू

उड़न-छू, हुआ-हुआ मेरा चैन उड़न-छू

उड़न-छू, रहे नींदें सारी रैन उड़न-छू

इश्क़ में एक-तरफ़ा जो उधार कर गई

था मैं बड़ा ही काम का, बेकार कर गई

अपनी धुन में करके गई मस्त मगन तू

उड़न-छू, हुआ-हुआ मेरा चैन उड़न-छू

उड़न-छू, रहे नींदें सारी रैन उड़न-छू

उड़न-छू, हुआ-हुआ मेरा चैन उड़न-छू

उड़न-छू, रहे नींदें सारी रैन उड़न-छू

दिल हुआ मलंग है मेरा

चढ़ा जो रंग है तेरा

दीवाना दंग है तेरा

क्या ख़ुदा ने फ़ुर्सत में

बनाया अंग है तेरा?

दीवाना दंग है तेरा

दे, मिलन का मौक़ा देना

यूँ सजन को धोका दे ना

थोड़े से दिन जो साथ में गुज़ार कर गई

मेरे नयन के सपने बेशुमार कर गई

धीमी सी जलती छोड़ गई ऐसी अगन तू

उड़न-छू, हुआ-हुआ मेरा चैन उड़न-छू

उड़न-छू, रहे नींदें सारी रैन उड़न-छू

उड़न-छू, हुआ-हुआ मेरा चैन उड़न-छू

उड़न-छू, रहे नींदें सारी रैन उड़न-छू

आँखों के तीर मेरे जिगर के पार कर गई

उड़न-छू, हुआ-हुआ मेरा चैन उड़न-छू

उड़न-छू, रहे नींदें सारी रैन उड़न-छू

- It's already the end -