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अरमान मलिक द्वारा गाया गया गीत 'ज़िक्र' फिल्म 'अमावस' का एक महत्वपूर्ण ट्रैक है। इस गीत को [संगीतकार का नाम] ने संगीतबद्ध किया है और [गीतकार का नाम] ने इसके बोल लिखे हैं। 'ज़िक्र' अपने भावपूर्ण बोलों और मधुर धुन के साथ दर्शकों में लोकप्रिय हो रहा है। अरमान की आवाज में इस गाने ने रोमांटिक और संवेदनशील भावनाओं को खूबसूरती से उकेरा है, जिससे यह संगीत प्रेमियों के दिलों में अपनी जगह बना रहा है। 'ज़िक्र' की प्रस्तुति और संगीत ने इसे तुरंत हिट बना दिया है।
होने लगा इस तरह, मेरी ग़लती है
दिल को रोका तो ये ज़ुबाँ चलती है
इश्क़ को मैंने बड़ा समझाया
इश्क़ के आगे कहाँ चलती है
तेरा ना करता ज़िक्र, तेरी ना होती फ़िक्र
तेरे लिए दिल रोता ना कभी
यूँ ना बहाता अश्क, मैं भी मनाता जश्न
ख़ुद के लिए भी जीता ज़िंदगी
बा-ख़ुदा, दिल गया
बा-ख़ुदा, दिल गया
बा-ख़ुदा, दिल गया
बा-ख़ुदा, दिल गया, हाँ
तेरा ना करता ज़िक्र, तेरी ना होती फ़िक्र
तेरे लिए दिल रोता ना कभी
यूँ ना बहाता अश्क, मैं भी मनाता जश्न
ख़ुद के लिए भी जीता ज़िंदगी
♪
जिस्म से तेरे मिलने दे मुझे
बेचैन ज़िंदगी इस प्यार में थी
उँगलियों से तुझ पे लिखने दे ज़रा
शायरी मेरी इंतज़ार में थी
मुझ पे लुटा दे इश्क़, मुझ को सिखा दे इश्क़
क़िस्मत, मेरे दर आ गया जो तू
मुझको जगाए रख, ख़ुद में लगाए रख
कि रात-भर मैं अब ना सो सकूँ
तेरा ना करता ज़िक्र, तेरी ना होती फ़िक्र
तेरे लिए दिल रोता ना कभी
यूँ ना बहाता अश्क, मैं भी मनाता जश्न
ख़ुद के लिए भी जीता ज़िंदगी